THE BEST SIDE OF अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ

The best Side of अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ

The best Side of अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ

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तो प्रार्थना किसी बाहर वाले से कैसे करोगे?

उत्तर- हॉकी एक प्राचीन खेल है। यह पुराने समय से भारत

फिर आती है सात्विक अहंता की स्थिति। वो क्या है?

आचार्य: देखिए, जो शब्द है न छोड़ना, इसका कम-से-कम इस्तेमाल करें।

” या तो गुरु मिल जाता है, या तो जीवन ही उसे बाध्य कर देता है उसे अपने-आपसे ये प्रश्न पूछने के लिए, “इतना भटके, इतना श्रम किया, मिला क्या?”

आचार्य: बस। आत्मा को कोई परेशानी नहीं है, आत्मा को कुछ हासिल नहीं करना है। ना आगे जाना है, ना पीछे जाना है। सारी दिक़्क़तें किसके लिए हैं?

प्र: पर थोड़े ही समय में वास्तविकता सामने आ ही जाती है।

सबकुछ अपना झोंक दो सही दिशा में और फिर जब लगे कि अब रुक गये, टूट रहे हैं, तब प्रार्थना करने की ज़रूरत नहीं, प्रार्थना हो गयी।

राजसिक आदमी स्वर्ग खोज रहा है संसार में, वो संसार में चारों तरफ़ भटका-भटका फिर रहा है। सात्विक मन अपने भीतर प्रवेश कर जाता है। वो खोजने लग जाता है अपने भीतर कि इस दौड़ का कारण क्या है, कौन है जो दौड़ रहा है। वो साधना में लग जाता है। उसकी पहचान ये है कि वो दुनिया से अपेक्षाएँ और उम्मीदें रखना छोड़ देता है। वो साफ़ समझ जाता है कि उसे जो चाहिए, वो दुनिया में तो नहीं मिलेगा। वो कहता है, “मुझे जो चाहिए, वो भीतर ही कहीं मिलेगा।” ये सात्विकता हुई।

भारतीय नौसेना ने मुंबई तट पर घायल चीनी नाविक को बचाया, जिससे चीन ने भारत का आभार व्यक्त किया। यह घटना एलएसी पर तनाव के बावजूद हुई, जहां भारतीय और चीनी सेनाएं तैनात हैं। चीन ने भारत के बचाव प्रयासों की सराहना की और कहा कि नाविक की हालत में सुधार हो रहा है।

तो किसको जाती है प्रार्थना? स्वयं को ही जाती है प्रार्थना। आपसे बाहर कोई और नहीं read more है। स्वयं को जाती है माने? फिर लाभ क्या हुआ? आपके भीतर ही शक्ति के गुप्त भंडार छुपे हुए हैं। आप उतने ही नहीं है जितना आपको पता है कि आप हैं। आप डर इसीलिए जाते हो क्योंकि आपका अहंकार कहता है कि तुम इत्तु से ही तो हो!

यही 'मैं' जब बोले, 'मैं आज़ादी चाहता हूँ', तो ये अच्छा है। यही 'मैं' जब बोले कि अरे छोड़ो न! बंधनों में भी बड़ा मज़ा है, तो ये बुरा है।

प्र: तो फिर अहम् स्वयं को बचाना क्यों चाहता है?

खिलाड़ी थे। हॉकी की स्टिक हाथ में लेकर वह किसी जादूगर की भाँति विपक्षी टीम के

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